पालिसी धारक की विभिन्न समस्याएं एवं उनका समाधान

                                        -बी.जी.शर्मा
( निरंतर बदलती परिस्थितियाँ, नियम उपनियम एवं नवीन बीमा योजना के कारण इस लेख का लेखन, संशोधन (rectification) एवं अद्यतन (updation) कार्य अनवरत एवं सतत जारी रहेगा ताकि इसकी प्रासंगिकता बनी रहे, तदनुसार आप समय-समय पर अपनी समस्या अनुसार इस लेख का पुनर्पठन एवं पुनरावलोकन कर सकते हैं. संभव है अगली बार इसमें कोई नयी बात आपके काम की आपको मिले.)    




प्रिय पालिसी धारक,
        इस लंबे लेख के जरिये आप की लगभग हर तरह की संभावित समस्या का समाधान प्रस्तुत करने का मैंने प्रयास किया है. तरीका बड़ा ही सरल है, आपकी समस्या प्रश्न के रूप में हैं और उत्तर में आपका समाधान प्रस्तुत है. आपका जिज्ञासा वश पूरा लेख पढ़ें तो अलग बात है, अन्यथा आपको पूरा लेख पढ़ने की आवश्यकता नहीं, आप इस लेख में दिए प्रश्नों में वह प्रश्न ढूँढें व पढ़ें, जो आपकी समस्या से संबद्ध है. एवं उत्तर को एवं दिए निर्देश एवं सुझावों को ध्यान पूर्वक पढ़ें. संबद्ध फार्म, जो कि आपको भर कर भेजना होगा का नंबर एवं इसी साईट पर कहाँ उपलब्ध है, भी आपको सूचित किया गया है, जो कि आपको डाऊनलोड करना है एवं स्वयं / अभिकर्ता की सहायता से भर कर संबद्ध शाखा / मंडल कार्यालय को भर कर भेजना है.  ज़रा देखिये तो, आपकी समस्या किस प्रश्न में छुपी हुयी है ?



· मुझे भारतीय जीवन बीमा निगम से मेरी पालिसी के पेटे  भुगतान मिलना था, जो मुझे अब तक नहीं मिला है.


     निगम से आपको देय राशि, [ जो कि पूर्णावधि (maturity), विद्यमानता हित लाभ, पेंशन, समर्पण मूल्य, ऋण आदि के पेटे हो सकता है ] का आपको नहीं मिलने के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नानुसार हैं-
अ.    संभव है, आपका नवीन बदला हुआ पता निगम कार्यालय के पास नहीं हो एवं दावा राशि का चेक अथवा दावा हेतु आपको पालिसी बोंड एवं डिस्चार्ज फार्म संबद्ध कार्यालय में  जमा कराने का नोटिस आपको ना मिलने से वापिस कार्यालय को लौट गया हो (पूर्णावधि एवं विद्यमानता दावा की दशा में ), कृपया निगम कार्यालय से संपर्क करें एवं बहु उपयोगी प्रार्थना पत्र फार्म संख्या bgs0051 ( इसे डाऊनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें ) पर अपने परिवर्तित पते की सूचना संबद्ध निगम कार्यालय को देवें व सुनिश्चित करें कि कार्यालय के रिकार्ड्स में पता संशोधन हो जाए.
आ.  जिस समय दावा  कार्यालय में बुक अथवा पंजीकृत किया जाता है ( देय तिथि से लगभग तीन माह पूर्व ),उस समय ( पंजीकरण के समय ) तक आपकी पालिसी की कोई किश्त बकाया रह गयी हो के कारण पालिसी ने भुगतान योग्यता अर्जित ही ना की हो एवं पंजीकरण के बाद में जमा किश्त का कार्यालय के सम्बंधित विभाग ने स्वतः संज्ञान ना लिया हो. अगर ऐसा हो तो अपनी रसीद की प्रति सहित सम्बंधित कार्यालय को सूचना देवें कि मेरी कोई किश्त बकाया नहीं है, कृपया मुझे मेरी पालिसी का दावा राशि का भुगतान करें.     
इ.      सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं संभावित कारण, जो वर्तमान परिदृश्य में ज्यादा संभावित है,  हो सकता है कि आपकी पालिसी का नेफ्ट के लिए पंजीकरण नहीं हुआ हो. कृपया आप अवगत हों कि एल आई सी, सरकार के निर्देशों की अनुपालना के क्रम में कोई भी तरह का भुगतान चेक से नहीं करके अनिवार्यतः सीधे पालिसी धारक के खाते में ही NEFT (national electronic fund transfer ) के जरिये जमा करने को बाध्य है. आपको तब तक आपकी पालिसी का भुगतान नहीं मिलेगा, जब तक कि आप अपनी पालिसी का नेफ्ट पंजीकरण ना करवा लें. इस के लिए आपको नेफ्ट मेंडेट (Neft mandate  form) फार्म किसी भी निकटतम शाखा से प्राप्त करना है अथवा इस साईट से यहाँ क्लिक करके डाउन लोड करना है.
            इस नेफ्ट मेंडेट फार्म को भर कर हस्ताक्षर करके सम्बंधित सेवा प्रदाता शाखा कार्यालय को, आपके बेंक खाते का निरस्त चेक एवं पास बुक के प्रथम पृष्ठ की छाया प्रति संलग्न कर  भेजना है. कृपया ध्यान देवें कि इस प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य एवं सूचना हैं आपका बेंक का खाता नंबर एवं आपके बेंक के आई एफ एस कोड जो नेफ्ट मेंडेट फार्म में सावधानी पूर्वक सही भरे हुए हों एवं प्रमाण स्वरूप संलग्न चेक तथा पासबुक में दर्ज हों एवं स्पष्ट देखे पढ़े जा सके.      .          
       इस सूचना के महत्व का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि इस सूचना में चूक का अर्थ, राशि आपके बेंक खाते में जमा ना हो पाना अथवा किसी अन्य के बेंक खाते में जमा होना जैसी उलझन का कारण बन सकता है.

 · मेरा बेटा / बेटी जिसके लिए मैंने उसके शिशु / किशोर काल में पोलिसी ली थी वह अब वयस्क हो गया है, तो मुझे क्या करना है ?


बधाई ! कि आपका नाबालिग पुत्र / पुत्री अब वयस्क हो गया /गयी हैं. हाँ, इस के वयस्क होते ही इसकी पालिसी नोमिनेशन निर्वात ( वेक्यूम ) की स्थिति में आ गयी है व तब तक रहेगी जब तक कि उसे उसके मालिक अर्थात पालिसी धारक से विधिवत नोमिनी ना मिल जाए. इसका  कारण कि उसके वयस्क  होते ही आप पूर्व में जो पालिसी से प्रस्तावक के रूप में स्वाभाविक एवं नैसर्गिक नोमिनी के रूप में जुड़े हुए थे, अब असंबद्ध हो गए हैं और अब बच्चा अपनी पालिसी का सर्वाधिकार संपन्न एवं पूर्णतः उत्तरदायी मालिक स्वयं हो गया है. इस संक्रमण काल में पॉलिसीधारक की मृत्यु जैसी किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित होने पर मृत्युदावा भुगतान हेतु  न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (successor certificate ) प्राप्त करना जरूरी हो जाता है जो एक लंबी व थका देने वाली प्रक्रिया है. किसी भी ऐसी संभावित उलझन से बचने के लिए आपको अपने बेटे /बेटी की सभी पोलिसीयों में निम्न कार्यवाही अविलम्ब सुनिश्चित करनी चाहिए;
अ-   पालिसी नामांकन ( नोमिनेशन)
पालिसी से प्रस्तावक के असंबद्ध होते ही वयस्क बच्चे की सारी पोलिसीयाँ बिना नामांकन अर्थात नोमिनेशन की स्थिति में होती हैं. इस नामन हीनता को टालने के लिए जरूरी है कि उसकी सारी पोलिसीयों में नामांकन (नोमिनेशन) अविलम्ब दर्ज हों. इन पोलिसीयों में नोमिनेशन दर्ज कराने के लिए आपको निम्न कार्य वाही करनी होगी – (१) आप किसी भी निकटतम शाखा कार्यालय से फार्म संख्या ३२६४ प्राप्त करें अथवा इस साईट से  यहाँ क्लिक करके पढ़ें / डाऊनलोड करें. उस फार्म पर अंकित निर्देशों के अनुसार मूल पालिसी बोंड को उपरोक्त विधिवत भरे व हस्ताक्षरित फार्म सहित सेवा प्रदाता शाखा कार्यालय में प्रस्तुत कर नोमिनेशन दर्ज करावें. ध्यान रहे कि नोमिनेशन दर्ज होना पालिसी संविदा (policy contract ) में एक महत्व पूर्ण परिवर्तन है, जिसका पालिसी बोंड की पीठ पर पृष्ठांकन (endorsement) अनिवार्य है.
                   प्रसंगवश; पालिसी की नामन शून्य या निर्वात की  स्थिति बच्चे के वयस्क होते ही तो होती ही है इस के अलावा नोमिनी की मृत्यु एवं असाईनमेंट के निरस्त होते ही जब तक बनी रहती है जब तक कि प्रस्तावक अर्थात बीमित द्वारा उसमे पुनः नोमिनेशन नहीं करवाया जाता.
    ब- दुर्घटना हित लाभ सुविधा जुड़वाना
       भारतीय जीवन बीमा निगम की सभी मृत्यु जोखिम संरक्षण प्रदान करने वाली पोलिसीयों में दुर्घटना जन्य मृत्यु की दशा में मृत्यु दावे में एक अतिरिक्त राशि मूल बीमा धन के बराबर अदा करने का प्रावधान है, बशर्ते कि यह ऐच्छिक एवं वैकल्पिक सुविधा एक     निश्चित शुल्क ( सामान्यतः एक रुपया प्रति हजार बीमाधन की दर से ) अदा कर प्राप्त की गयी हो. चूँकि यह सुविधा अवयस्क पालिसी धारकों को देय नहीं हैं अतः बच्चे के वयस्क होते ही उचित अवसर है कि उसकी पोलिसीयों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई / जुड़वाई जाए.
       दुर्घटना हित लाभ सुविधा जुड़वाने के लिए आप निम्न चरण बद्ध कार्यवाही करें; (१) किसी भी निकटतम शाखा अथवा इस साईट से फार्म संख्या ३७७२ (इसे पढ़ने अथवा डाऊनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें )प्राप्त करें, जो कि एक स्वास्थ्य प्राक्कथन फार्म है.  (२)  इस फार्म के पीछे दिए निर्देशानुसार सारी सूचना सावधानी से भर कर बीमित के हस्ताक्षर कर  पालिसी बोंड के साथ संलग्न करके आपकी पालिसी सेवा प्रदाता शाखा को प्रस्तुत करें (३) आपको प्रति पालिसी एक निश्चित राशि ,जिसका निर्देश शाखा का संबद्ध विभाग देगा, बतौर परिवर्तन शुल्क (अल्टरेशन फीस) शाखा काउंटर पर जमा करा कर उसकी रसीद प्रत्येक आवेदन के साथ लगानी है. (४) आपको यह अवश्य ध्यान रखना है कि आप यह आवेदन एवं परिवर्तन कभी भी करावें किन्तु लागू पालिसी की आगामी वर्ष गाँठ से ही होना है एवं तदनुसार उसी समय आपकी पालिसी की किश्त भी बढनी है.
     दुर्घटना हितलाभ के बारे में और ज्यादा जानकारी करने के लिए क्लिक करें – दुर्घटनाहितलाभ और आपकी पालिसी पर व पढ़ें इस विषय में एक और ज्ञानवर्धक लेख.

    

 · मेरा बेटा / बेटी जिसका नोमिनेशन वयस्क होते ही उपरोक्त प्रक्रियानुसार कुछ अरसा पहले दर्ज करवाया जा चूका है, का विवाह हो गया है | क्या नोमिनेशन पुनः दर्ज़ होगा ?

                                   
           किसी भी पालिसी में प्रथम बार नोमिनेशन दर्ज होता है व उसके बाद इसे परिवर्तित कराना होता है. हालांकि नोमिनेशन परिवर्तित कराना वयस्क पालिसी धारक का निजी विवेकाधीन मामला होता है तथापि विवाहोपरांत अपने रिश्तेदार की जगह नोमिनेशन परिवर्तन के जरिये अपने जीवनसाथी का नाम दर्ज कराना न्यायोचित भी है व एक स्वस्थ परम्परा है.
            नामांकन (नोमिनेशन) परिवर्तन की प्रक्रिया भी उपरोक्त नोमिनेशन दर्ज कराने के समान ही है किन्तु इस में फार्म भिन्न प्रयुक्त होता है. इसके लिए आप नोमिनेशन परिवर्तन का फार्म संख्या ३७५० किसी निकटवर्ती शाखा से प्राप्त अथवा इस साईट से यहाँ क्लिक करके डाऊनलोड कर सकते हैं. इस से सम्बंधित निर्देश इस फार्म के पीछे छपे हैं जो आपको ध्यान से पढ़ कर इनका अनुकरण करना है. यहाँ भी यह महत्वपूर्ण बात आपकी जानकारी में लानी जरूरी है कि नोमिनेशन परिवर्तन से पालिसी का संविदा ( कांट्रेक्ट) प्रभावित एवं परिवर्तित होता है अतः इसका पृष्ठांकन पालिसी बोंड की पीठ पर होना जरूरी है, अतः आप को नामन परिवर्तन के आवेदन के साथ कार्यालय में अपना पालिसी बोंड भी लाना जरूरी है.
        नोमिनेशन के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए आप  निर्णायकवसीयत एवं चुनौती से परे नहीं है पालिसी नोमिनेशन पर क्लिक करके यह ज्ञानवर्धक लेख अवश्य पढ़ें.

( इस लेख में पालिसी धारक की समस्याओं से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मार्गदर्शन हेतु  लेखन कार्य जारी है )
    

This entry was posted by बी. जी. शर्मा. Bookmark the permalink.

2 thoughts on “पालिसी धारक की विभिन्न समस्याएं एवं उनका समाधान

  1. बढिया जानकारी के लिये धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. Mere brother ki death ho gye h nominee wife h or wo hamse koi bat ni kr rahi..apna mayke chli gayi....or sayd claims k document v submit kr rhi hh...kya us claim m mother unmarried sister ka vv hak banta hh...plzz..guide me

    जवाब देंहटाएं

-------------------- कुछ ख़ास पल -------------------------


Text selection Lock by Hindi Blog Tips
© बी. जी. शर्मा. Blogger द्वारा संचालित.