परिचय


 मेरे  बारे  में



बी.जी.शर्मा (ब्रजगोपाल शर्मा), भारतीय जीवन बीमा निगम, शाखा सुजानगढ़ जिला चुरू, राजस्थान (शाखा कूट १९ G, मंडल कार्यालय- बीकानेर) में सन् १९८८ से विकास अधिकारी पद पर कार्यरत।

रूचि, शौक व उपलब्धियाँ - 
कला एवं साहित्य के प्रति अनुराग एवं आदर भाव। हिंदी भाषा से प्यार एवं इस पर अधिकार, अंग्रेजी उर्दू पर समान अधिकार। सृजनात्मक लेखन की लत, सृजन एवं सकारात्मक चिंतन में सुखानुभूति । नकारात्मक सोच से सख्त परहेज । किसी भी कार्य को अभिनव एवं लीक से हट कर अलग तरीके से करने में रोमांच एवं संतुष्टि की अनुभूति । प्रयोगधर्मिता में बड़ी शिद्दत से यकीन । परिपूर्णतावादी ( (perfectionist )

स्थानीय जिला स्तर पर ख्यात संगीत एवं साहित्यिक गतिविधियों
 को समर्पित संस्था “सच्चिदानंद” का  संस्थापक । स्वरचित साहित्य रचनाओं का ब्लॉग “सच्चिदानंद” के संचालक। अखिल भारतीय स्तर पर प्रकाशित सामाजिक पत्रिका ‘दधिमती’ मासिक के संपादन में सृजन सुख एवं आनंद प्राप्ति हेतु मानद एवं अवैतनिक सहयोग।

मान्यताएं 

व्यक्ति ऊर्जा अपने लक्ष्य एवं उद्देश्य से प्राप्त करता हैं। नकारात्मक या सकारात्मक ऊर्जा इस पर निर्भर करती हैं कि व्यक्ति कितने बड़े एवं कैसे उद्देश्य एवं लक्ष्य से अनुप्राणित एवं संचालित है । यह भी कि प्रयास सदैव लक्ष्य का पीछा करता है।
-हर व्यक्ति के भीतर कोई न कोई विशेष गुण एवं योग्यता छिपी होती है  आवश्यकता होती है, उसे समझपरख व उसे तराश कर उस व्यक्ति को प्रतिभा प्रदर्शन व उसके स्वयं के भीतर छिपी संभावना का श्रेष्ठतम उपयोग का अवसर प्रदान करना

- चाहे राष्ट्र हो या संस्था, संतान हो या अभिकर्ता, अति संरक्षणप्रतिभा एवं क्षमता को कुंद करके विकास को बाधित करता हैठीक वैसे ही जैसे वट वृक्ष के नीचे उगा वट का  पौधा कभी भी विकसित भरा पूरा पेड़ नहीं बन सकता   इसके विपरीत अनुचित व अनावश्यक संरक्षण से वंचित, स्वअस्तित्व रक्षा के लिए संघर्ष एवं चुनौतियां सुसुप्त क्षमता व चेतना को जागृत करती हैं
- और जानने की इच्छा अर्थात जिज्ञासा उम्र निरपेक्ष होती है व यह जिज्ञासा ही हमारी सीखने की ललक व क्षमता बनाए रखती है 
- स्थूल रूप में मेरा नियोक्ता भारतीय जीवन बीमा निगम है, किन्तु सही अर्थ में मेरा वेतन दाता मेरा ग्राहक ही है अतः मेरी समृद्धि व खुशहाली का रास्ता मेरे ग्राहक के संतोष एवं मेरे साथ सतत  जुड़ाव से होकर ही मेरे तक आता है 

- संस्था हो या व्यक्ति प्रतिस्पर्धा उसके लिए हितकर होती है क्योंकि हमें प्रतिस्पर्धा जागरूक करती है जीवन के अस्तित्व संघर्ष में टिके रहने के लिए हमें धार प्रदान करती है । प्रतियोगिता हमारी सूझबूझ एवं समस्या के वैकल्पिक समाधान ढूँढने की योग्यता बढाती है। इसे यों कहना युक्ति संगत होगा - 

जोश में हमको लाती होड़, होश में हमको लाती होड़  
हमें  जगाती,  हमें भगाती,  होड़ का नहीं कोई तोड़ ।।

-औलाद हो या अभिकर्ता, उसे तराशने का व तैयार करने का कार्य ठीक वैसा ही है जैसे कुम्हार का घड़े को  घड़ना । कुम्हार घड़े को गोलाकार देने के लिए उसकी कठोरता पूर्वक पिटाई करता है किन्तु भीतर हाथ डाल कर सहारा भी देता है । फिर अपनी ही कृति की कमजोरी दूर करने के लिए उसे कठोरता पूर्वक आग के हवाले कर देता है । उस की अंतिम परीक्षा, उसे ठोक बजा कर उसमे जल भर कर उसकी परख होती है वह इस परीक्षण में उत्तीर्ण है तब कहीं जाकर दुनिया इस पात्र को सिर पर रखती है । जिस घड़े ने यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की अर्थात फूटे व अपात्र घड़े का मोल एवं उपयोग माटी जितना भी नहीं होता । इसे यों समझें -

घर्षण झेला जिस पत्थर ने, शालिग्राम सरीखा हो गया गोल । 
घिसने से जिसने जी चुरा लिया, वह पत्थर रह गया बेडौल ।।



उद्देश्य एवं लक्ष्य -
उपरोक्त मान्यता के तहत  भारतीय जीवन बीमा निगम के लिए योग्य व्यक्तियों को बतौर अभिकर्ता नियुक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर दक्ष एवं सक्षम सफल कार्यकर्ता के रूप में रूपांतरण करना कि वे निगम के लिए श्रेष्ठ मानवीय संपदा बन सकें आर्थिक लाभ क्षुद्र एवं गौण उद्देश्य , इस से ज्यादा इस बात से संतोष,सुख तथा प्रेरणा मिलती है कि एक विकास अधिकारी के रूप में कुछ सुयोग्य एवं सुपात्र बेरोजगार युवकों को तराश कर उन्हें कमा कर खाने लायक एक पेशेवर अभिकर्ता के रूप में तैयार करने का अवसर मिला है इन  अभिकर्ताओं के माध्यम से श्रेष्ठ एवं स्तरीय ग्राहक सेवा प्रदान कर उच्च स्तरीय ग्राहक संतुष्टि का लक्ष्य प्राप्त करने को कृत संकल्प



 ब्लॉग के बारे में



भारतीय जीवन बीमा निगम से जुड़े विपणन बीमाकर्मियों एवं पालिसी धारकों, विशेषतः उत्तर भारतीय  हिंदी भाषियों के लिए एक ऐसे माध्यम एवं मंच का अभाव दिखा जो, उनकी जिज्ञासाओं को शांत कर सही मार्ग दर्शन कर सके,, उनकी समस्याओं के समाधान का युक्तिसंगत मार्ग प्रशस्त कर सके । इस के मध्य नजर इस ब्लॉग का प्रादुर्भाव, ताकि हिंदी भाषा में श्रेष्ठ एवं स्तरीय सामग्री उपलब्ध करायी जा सके। 

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